कम्प्यूटर और उसके लौजिक गेट :

कम्प्यूटर और उसके लौजिक गेट :
कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है । इसका प्रयोग मुख्यतः गणितीय एवं तार्किक क्रियायें करने के लिए किया जाता है । इलेक्ट्रॉनिक उपकरण होने के कारण , कम्प्यूटर में सभी अंक संख्यायें एवं स्टेटमेन्ट इलेक्ट्रॉनिक सिगनल को रूप में व्यक्त होते हैं । उदाहरणार्थ , 250,370 , 480 आदि जैसी सभी संख्याओं को हम कागज पर , जैसे यहाँ लिखा है , वैसे लिख देते हैं , लेकिन यह संख्यायें कम्प्यूटर के अन्दर इस प्रकार नहीं लिखी जातीं । वह तो इलेक्ट्रॉनिक सिगनल के रूप में व्यक्त होती हैं । इसी प्रकार कुछ कथन जैसे , राम की आयु 25 वर्ष है या शीला आज स्कूल नहीं जाएगी आदि को हम कागज पर बड़ी आसानी से लिख देते हैं । लेकिन कम्प्यूटर में उन्हें इलेक्ट्रॉनिक सिगनल के रूप में ही लिखा जाता है । अब प्रश्न यह उठता है कि इलेक्ट्रॉनिक सिगनल किस प्रकार के होते हैं ? इलेक्ट्रॉनिक सिगनल निम्न दो प्रकार के होते हैं :
( i ) इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट का होना ।
( ii ) इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट का न होना । 
ध्यान दें कि कम्प्यूटर की भाषा में इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट को पल्स भी कहते हैं । दिन - प्रतिदिन , साधारण रूप में कागज पर संख्याओं को लिख कर उन पर गणितीय क्रियायें करना कोई कठिन कार्य नहीं है । वह कितनी आसानी से कर ली जाती हैं , उससे हम सब भली - भाँति परिचित हैं । लेकिन इन्हीं संख्याओं को कम्प्यूटर के अंदर इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में व्यक्त करके उन पर तरह - तरह की गणनायें करना कठिन प्रतीत होता है । ध्यान दें कि यह कार्य हमें भले ही कठिन लगे , लेकिन कम्प्यूटर के लिए यह बहुत आसान होता है । इलेक्ट्रॉनिक पल्स के द्वारा गणनायें एवं तार्किक क्रियायें करने के लिए कम्प्यूटर में विशेष प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होते हैं । सर्किटों को कम्प्यूटर की भाषा में लौजिक गेट्स कहते हैं ।
लेकिन गेट्स सभी संख्याओं अथवा स्टेटमेन्ट्स को इलेक्ट्रॉनिक पल्स के रूप में लेते हैं और गणनाएँ करके उनके परिणाम इलेक्ट्रानिक पल्स के रूप में ही प्रदान करते हैं
लोजिक गेट्स क्या होते हैं! , उनकी क्या विशेषतायें होती हैं और वह किस प्रकार के परिणाम प्रदान करते हैं , आदि बातों का वर्णन , इस अध्याय में किया गया है ।
लौजिक गेट्स का परिचय
लौजिक गेट विशिष्ट प्रकार के इलेक्ट्रॉनिक सर्किट होते हैं जो करेन्ट की निम्न दो अवस्थाओं के आधार पर कार्य करते हैं :
( 1 ) इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट की उपस्थिति
( ii ) इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट की अनुपस्थिति ।
लौजिक गेटों में इलेक्ट्रॉनिक करेन्ट की उपस्थिति को 1 द्वारा सम्बोधित किया जाता है और उसकी अनुपस्थिति को 0 द्वारा । अतः कहा जा सकता है कि लौजिक गेट्स 0 और 1 डाटा लेते हैं और आउटपुट भी 0 और 1 के रूप में देते हैं ।
लौजिक गेट्स के प्रकार
लॉजिक गेट्स मूलतः निम्न तीन प्रकार के होते हैं :
( i ) एण्ड गेट ( AND gate )
( ii ) और गेट ( OR gate )
( iil ) नौट गेट ( NOT gate )
कम्प्यूटर में प्रयोग होने वाले अन्य गेट , इन्हीं गेटों द्वारा बनाये जाते हैं । इन तीनों प्रकार के गेट्स के विषय में नीचे विस्तार से चर्चा की गयी है ।
एण्ड गेट :
एण्ड गेट दो इनपुट लेता है और एक आउटपुट देता है । एण्ड गेट को सदैव यहाँ दिखाये गये चिहन द्वारा दर्शाया जाता है । इस गेट की निम्नलिखित विशेषतायें होती हैं :
(i)यदि पहला इनपुट 0 है और दूसरा इनपुट भी 0 है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
( ii ) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट ० है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
( iii ) यदि पहला इनपुट ० है और दूसरा इनपुट 1 है तो यह आउटपुट में ० देता है ।
( iv ) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट भी है तो यह आउटपुट में 1 देता है । एण्ड गेट की उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि एण्ड गेट 1 आउटपुट तभी देता है जब उसके दोनों इनपुट 1 होते हैं
उदाहरण
एण्ड गेट की ट्रुथ टेबल :जब किसी गेट के लिए , सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं । एण्ड गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है
और गेट :
और गेट दो इनपुट लेता है और एक आउटपुट देता है । इस गेट को सदैव यहाँ दिखाये गये चिहन द्वारा दर्शाया जाता है इस गेट की निम्नलिखित विशेषतायें होती हैं
(i) यदि पहला इनपुट ० है और दूसरा इनपुट भी 0 है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
(ii) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट 0 है तो यह आउटपुट में 1 देता है
(iii)यदि पहला इनपुट 0 है और दूसरा इनपुट 1 है तो यह आउटपुट में 1 देता है ।
( iv ) यदि पहला इनपुट । है और दूसरा इनपुट भी ।
है तो यह आउटपुट में 1 देता है और गेट की उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि और गेट 0 आउटपुट तभी देता है जब उसके दोनों इनपुट 0 होते हैं ।
जब किसी गेट के लिए , सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं ।
और गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है
नौट गेट :
नौट गेट केवल एक इनपुट लेता है और एक आउटपुट देता है । नौट गेट के लिए प्रयोग होने वाला चिह्न यहाँ चित्र में दर्शाया गया है । नौट गेट की निम्नलिखित विशेषतायें होती हैं :
(i) यदि इनपुट o है तो आउटपुट में 1 प्राप्त होता है ।
( ii ) यदि इनपुट 1 है तो आउटपुट में 0 प्राप्त होता है ।
उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि नौट गेट को जो भी इनपुट दिया जाता है उसे वह पलट देता है ।
जब किसी गेट के लिए , सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं नौट गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है |
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कम्प्यूटर के कुछ अन्य गेट :
आप कम्प्यूटर के एण्ड , और एवं नौट गेट से परिचित हैं और जानते हैं कि यह गेट आधारभूत गेट हैं । इन गेटों को मिला कर कई अन्य गेट बनाये जाते हैं । एण्ड और नौट गेट को मिला कर निम्न दो प्रचलित गेटों का निर्माण किया जाता है :
( i ) नेन्ड गेट
(ii)नौर गेट
इन दोनों गेटों का परिचय आगे दिया गया है ।
नैन्ड गेट :
नैन्ड गेट का निर्माण एण्ड तथा नौट गेट को मिला कर किया जाता है । नैन्ड गेट में एण्ड गेट के आउटपुट को नौट गेट के इनपुट पर दिया जाता है , जो उसे पलट देता है ।
नैन्ड गेट की निमालिखित विशेषतायें होती हैं |
( i ) यदि पहला इनपुट 0 है और दूसरा इनपुट भी 0 है तो यह आउटपुट में 1 देता है |
(ii) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट ० है तो यह आउटपुट में 1 देता है |
( iii) यदि पहला इनपुट 0 है और दूसरा इनपुट 1 है तो यह आउटपुट में 1 देता है ।
( iv ) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट भी 1 है तो यह आउटगुट में 0 देता है ।
नैन्छ गेट की उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि नैन्ड गेट 0 आउटपुट तभी देता है जब , उसके दोनों इनपुट 1 होते हैं |
नैन्ड गेट की ट्रुथ टेबल :
जब किसी गेट के लिए . सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं ।
नैन्ड गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है :
नौर गेट :
नौर गेट का निर्माण और तथा नौट गेट को मिला कर किया जाता है । नौर गेट में और गेट के आउटपुट को नौट गेट के इनपुट पर दिया जाता है , जो उसे पलट देता है ।
नौर गेट की निम्नलिखित विशेषतायें होती है
(i) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट भी 0 है तो यह आउटपुट में 1 देता है ।
(ii) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट 0 है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
(iii) यदि पहला इनपुट 0 है और दूसरा इनपुट 1 है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
( iv ) यदि पहला इनपुट 1 है और दूसरा इनपुट भी 1 है तो यह आउटपुट में 0 देता है ।
नौर गेट की उपर्युक्त विशेषताओं के आधार पर कहा जा सकता है कि नौर गेट 1 आउटपुट तभी देता है जब उसके दोनों इनपुट 0 होते हैं ।
नौर गेट की ट्रुथ टेबल :जब किसी गेट के लिए , सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं । नौर गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है ।
नौर गेट की ट्रुथ टेबल जब किसी गेट के लिए , सभी प्रकार के इनपुटों एवं उनके द्वारा मिलने वाले आउटपुटों को एक तालिका के रूप में दर्शाया जाता है तो उस तालिका को उस गेट की ट्रुथ टेबल कहते हैं । नौर गेट की ट्रुथ टेबल नीचे दर्शायी गयी है ।